Navratri 3 day devi:नवरात्रि के तीसरे दिन देवी पूजा माँ चंद्रघंटा की उपासना और विशेष कार्य
नवरात्रि, देवी दुर्गा की आराधना का पर्व है, जिसमें नौ दिनों तक उनके नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के तीसरे दिन माँ दुर्गा के चंद्रघंटा रूप की पूजा होती है। इस दिन का महत्व अत्यंत खास है, क्योंकि माँ चंद्रघंटा की पूजा से व्यक्ति के जीवन में साहस, शांति और समृद्धि आती है। इस लेख में हम जानेंगे कि नवरात्रि के तीसरे दिन कौन-कौन से कार्य करने चाहिए और माँ चंद्रघंटा की पूजा का महत्व क्या है।
Navratri 3 day devi: शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्र की तृतीया तिथि 05 अक्टूबर को पूर्ण रात्रि तक है। इस दौरान मां चंद्रघंटा की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साधक अपनी सुविधा के अनुसार मां चंद्रघंटा की पूजा-उपासना कर सकते हैं।
शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इनमें सबसे पहले सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 06 बजकर 16 मिनट से हो रहा है। वहीं, इसका समापन संध्याकाल 09 बजकर 33 मिनट पर हो रहा है। वहीं, संध्याकाल 09 बजकर 33 मिनट से रवि योग का निर्माण हो रहा है, जो पूर्ण रात्रि तक है। इस योग का समापन 06 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है। इन योग में मां चंद्रघंटा की उपासना करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।
माँ चंद्रघंटा का परिचय
माँ चंद्रघंटा का स्वरूप अर्धचंद्र के साथ अत्यंत सौम्य और सौंदर्यपूर्ण है। देवी के मस्तक पर घंटे के आकार का चंद्र है, जिसके कारण इन्हें “चंद्रघंटा” कहा जाता है। उनका वाहन सिंह है, जो उनके साहस और शक्ति का प्रतीक है। माँ के दस हाथ हैं, जिनमें वे विभिन्न प्रकार के अस्त्र-शस्त्र धारण करती हैं, जो यह दर्शाते हैं कि वे अपने भक्तों की हर बुरी शक्ति से रक्षा करने में सक्षम हैं। उनका यह रूप साहस और शांति का अद्भुत संगम है।
नवरात्रि के तीसरे दिन किए जाने वाले महत्वपूर्ण कार्य
नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा के साथ-साथ कुछ विशेष कार्य करने से देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह दिन साहस और शांति के साथ आत्मिक उन्नति के लिए समर्पित होता है। यहाँ कुछ प्रमुख कार्य हैं, जिन्हें नवरात्रि के तीसरे दिन करना चाहिए:
1.स्नान और शुद्ध वस्त्र धारण करना:
इस दिन प्रातः काल स्नान करने के बाद स्वच्छ और नए या साफ-सुथरे वस्त्र धारण करने चाहिए। पूजा में सफेद या हल्के रंगों के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है, क्योंकि माँ चंद्रघंटा का यह स्वरूप शांति और सौम्यता का प्रतीक है।
2.माँ चंद्रघंटा की पूजा:
इस दिन माँ चंद्रघंटा की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाकर पूजा आरंभ की जाती है। पूजा के दौरान देवी को दूध, दही, और सफेद रंग की मिठाइयाँ अर्पित की जाती हैं। पूजा विधि में लाल और सफेद फूल, विशेष रूप से गुलाब, चढ़ाने से माँ प्रसन्न होती हैं। साथ ही, भक्त “ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः” मंत्र का जाप कर सकते हैं, जो उन्हें मानसिक शांति और शक्ति प्रदान करता है।
3.ध्यान और साधना:
नवरात्रि के तीसरे दिन ध्यान और साधना का विशेष महत्व है। माँ चंद्रघंटा ध्यान के द्वारा आत्मिक शुद्धि और मानसिक संतुलन प्रदान करती हैं। ध्यान से व्यक्ति के जीवन में आंतरिक शांति और स्थिरता आती है। सुबह और शाम के समय ध्यान और मंत्र जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि होती है।
4.दान-पुण्य का महत्व:
इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने का भी विशेष महत्व है। दूध, चावल, सफेद वस्त्र या मिठाई का दान करने से देवी की कृपा प्राप्त होती है। यह दिन सामूहिक कल्याण के लिए भी समर्पित होता है, इसलिए दान-पुण्य को जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।
5.व्रत का पालन:
नवरात्रि के तीसरे दिन व्रत रखने से मन और शरीर दोनों की शुद्धि होती है। यह व्रत फल और दूध पर आधारित हो सकता है, या व्यक्ति अपनी क्षमता अनुसार दिनभर अन्न का सेवन छोड़कर केवल तरल पदार्थों का सेवन कर सकता है। इस व्रत का पालन आत्मसंयम और मानसिक शक्ति के विकास में सहायक होता है।
माँ चंद्रघंटा की पूजा से होने वाले लाभ
नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा करने से व्यक्ति को कई आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं। यह दिन साहस और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। देवी की कृपा से भय, शत्रुओं और नकारात्मकता का नाश होता है और जीवन में स्थिरता आती है। माँ चंद्रघंटा की पूजा से लाभ प्राप्त होते हैं:
1.साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि:
देवी की पूजा से व्यक्ति के भीतर साहस और आत्मविश्वास का संचार होता है, जिससे वह जीवन के हर कठिन परिस्थिति का सामना करने में सक्षम होता है।
2.मानसिक शांति:
माँ चंद्रघंटा की कृपा से मानसिक संतुलन और शांति प्राप्त होती है, जिससे जीवन में निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है।
3.समृद्धि और उन्नति:
देवी की पूजा से जीवन में समृद्धि और उन्नति के द्वार खुलते हैं, जिससे व्यक्ति अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
4.शत्रुओं पर विजय:
देवी की कृपा से व्यक्ति अपने शत्रुओं और विरोधियों पर विजय प्राप्त करता है और अपने जीवन में आगे बढ़ता है।
5.सकारात्मक ऊर्जा का संचार:
माँ चंद्रघंटा की पूजा से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो उसकी आत्मिक उन्नति में सहायक होती है।
नवरात्रि का तीसरा दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा और साधना के लिए समर्पित है। इस दिन किए जाने वाले विशेष कार्यों से देवी की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन में साहस, शांति, और समृद्धि का आगमन होता है। ध्यान, साधना, व्रत और दान-पुण्य के द्वारा व्यक्ति अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भर सकता है। माँ चंद्रघंटा की पूजा से जीवन में स्थिरता और सफलता प्राप्त होती है, और सभी नकारात्मकताओं का नाश होता है।