Who is Lawrence Bishnoi: कुख्यात गैंगस्टर जो सलमान खान, सिद्धू मूसेवाला और बाबा सिद्दीकी की हत्या से जुड़ा है
लॉरेंस बिश्नोई, भारत के सबसे कुख्यात गैंगस्टरों में से एक, का नाम कई हाई-प्रोफाइल अपराधों से जुड़ा है। पंजाब के फाजिल्का जिले के एक छोटे से गांव में जन्मे बिश्नोई ने खुद को एक शातिर अपराधी के रूप में स्थापित किया, जो देशभर में फैले एक बड़े आपराधिक नेटवर्क का नेतृत्व करता है। हाल ही में, बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में उसका नाम सामने आया, जिसने फिर से उसकी आपराधिक गतिविधियों की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
लॉरेंस बिश्नोई का प्रारंभिक जीवन
लॉरेंस बिश्नोई का जन्म 1993 में पंजाब के अबोहर जिले के डोटरांवाली गांव में हुआ था। वह एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखता था। उसने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल से पूरी की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ के DAV कॉलेज में दाखिला लिया। यहीं पर उसकी मुलाकात गोल्डी बराड़ से हुई, जो बाद में उसका करीबी सहयोगी और आपराधिक गतिविधियों में सहभागी बन गया। कॉलेज के दिनों में लॉरेंस ने छात्र राजनीति में कदम रखा, लेकिन जल्द ही उसका झुकाव अपराध की ओर बढ़ गया।
बिश्नोई और गोल्डी ने छात्र राजनीति के साथ ही आपराधिक गतिविधियों की शुरुआत की। 2011 से 2012 के बीच बिश्नोई पर हत्या के प्रयास, मारपीट, और लूटपाट के कई मामले दर्ज हुए। यह समय उसकी आपराधिक यात्रा की शुरुआत थी, जिसने उसे भारत के सबसे खतरनाक गैंगस्टरों में से एक बना दिया।
लॉरेंस बिश्नोई का आपराधिक करियर और गिरोह
लॉरेंस बिश्नोई का गिरोह उत्तरी भारत में सक्रिय है, खासकर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में। उसकी आपराधिक गतिविधियों में हत्या, फिरौती, और ड्रग तस्करी शामिल हैं। 2014 में राजस्थान पुलिस के साथ एक सशस्त्र मुठभेड़ के बाद, उसे गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया। जेल में रहते हुए भी उसने अपने आपराधिक नेटवर्क का विस्तार किया और बड़े पैमाने पर अपराधों को अंजाम दिया।
बिश्नोई के गिरोह में लगभग 700 से अधिक शूटर सक्रिय हैं, जो सोशल मीडिया के माध्यम से भाड़े के हत्यारे के रूप में भर्ती होते हैं। उसकी लोकप्रियता सोशल मीडिया पर भी बढ़ी, जहां से वह अपने अपराधों का संचालन करता है। जेल में रहते हुए भी, वह हत्याओं और धमकियों को अंजाम देने में सक्षम रहा है।
सिद्धू मूसेवाला की हत्या में भूमिका
2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने पूरे देश को हिला दिया था। इस हत्या के पीछे लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगी गोल्डी बराड़ का हाथ बताया गया। गोल्डी बराड़, जो विदेश में बैठकर अपनी आपराधिक गतिविधियों को संचालित करता है, ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी। इस घटना ने बिश्नोई को और भी कुख्यात बना दिया, और यह स्पष्ट हो गया कि उसका आपराधिक नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल चुका है।
सलमान खान पर हमले की योजना
लॉरेंस बिश्नोई का नाम बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के खिलाफ भी सामने आया। बिश्नोई की दुश्मनी सलमान खान से 2018 में उस समय शुरू हुई जब उसने सलमान को जान से मारने की धमकी दी। बिश्नोई का कहना था कि सलमान ने कथित तौर पर काले हिरण का शिकार किया था, जिसे बिश्नोई समुदाय पवित्र मानता है। इस दुश्मनी के चलते सलमान को कई बार जान से मारने की धमकियां मिलीं, और 2023 में उनके मुंबई स्थित घर के बाहर गोलीबारी की घटना हुई। इस हमले के पीछे भी बिश्नोई का गिरोह बताया गया।
बाबा सिद्दीकी की हत्या
मुंबई के बांद्रा इलाके में प्रसिद्ध राजनेता और समाजसेवी बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाबा सिद्दीकी का संबंध महाराष्ट्र की राजनीति से था और वह समाजसेवा में सक्रिय थे। हत्या के तुरंत बाद, सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हुई, जिसमें लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली। पोस्ट में कहा गया कि सिद्दीकी के संबंध अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से थे और यह हत्या सलमान खान और दाऊद गैंग से जुड़े लोगों के खिलाफ एक प्रतिक्रिया थी।
लॉरेंस बिश्नोई की गैंगस्टर छवि
लॉरेंस बिश्नोई की छवि सिर्फ एक गैंगस्टर की नहीं, बल्कि एक संगठित आपराधिक नेटवर्क के नेता की है। उसकी गैंग उत्तर भारत में ड्रग्स, हथियारों की तस्करी, और हत्याओं में लिप्त है। जेल में रहते हुए भी बिश्नोई ने कई हाई-प्रोफाइल हत्याओं और अपराधों को अंजाम दिया है। उसकी गिरफ्तारी के बावजूद, वह जेल के भीतर से ही अपने गिरोह को संचालित कर रहा है, जो देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
लॉरेंस बिश्नोई का नाम भारतीय अपराध जगत में एक कुख्यात और शक्तिशाली गैंगस्टर के रूप में स्थापित हो चुका है। उसकी क्राइम स्टोरी एक साधारण गांव के लड़के से लेकर एक खतरनाक गैंगस्टर बनने तक की है। सिद्धू मूसेवाला और सलमान खान पर हमले, और हाल ही में बाबा सिद्दीकी की हत्या में उसकी कथित भूमिका ने उसे और भी खतरनाक बना दिया है। भारत की कानून व्यवस्था के सामने यह एक गंभीर चुनौती है कि कैसे इस तरह के आपराधिक नेटवर्क को रोका जाए और बिश्नोई जैसे अपराधियोंको न्याय के कठघरे में लाया जाए।