Navratri day 4 colour: देवी कूष्माण्डा और पीला रंग
नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार है, जिसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हर दिन एक विशेष देवी और रंग को समर्पित होता है, जो देवी की शक्तियों और उनके गुणों का प्रतीक होता है। नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्माण्डा की पूजा की जाती है, और इस दिन का रंग पीला होता है, जो खुशहाली, ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है।
Navratri day 4:देवी कूष्माण्डा की कथा और महिमा

देवी कूष्माण्डा को सृष्टि की उत्पत्ति करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब संपूर्ण ब्रह्मांड अंधकार में डूबा हुआ था, तब देवी कूष्माण्डा ने अपनी हल्की मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी। उनके नाम का अर्थ भी इसी से जुड़ा हुआ है: कूष्मांड का मतलब है कद्दू, और यह माना जाता है कि देवी को कद्दू अर्पित करने से वे प्रसन्न होती हैं। देवी कूष्माण्डा अपने भक्तों को समृद्धि, स्वास्थ्य और दीर्घायु का आशीर्वाद देती हैं।
देवी कूष्माण्डा का स्वरूप अति दिव्य और तेजोमय है। वे आठ भुजाओं वाली हैं और इसलिए इन्हें अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है। उनकी आठ भुजाओं में क्रम: कमंडल, धनुष, बाण, कमल, अमृत कलश, चक्र, गदा और जपमाला सुशोभित हैं। देवी का वाहन सिंह है, जो उनकी शक्ति और साहस का प्रतीक है।
Navratri day 4 पीला रंग: नवरात्रि के चौथे दिन का प्रतीक

नवरात्रि के चौथे दिन का रंग पीला है, जो प्रसन्नता, ज्ञान और ऊर्जा का प्रतीक है। पीला रंग न केवल हमारे जीवन में खुशी और सकारात्मकता लाता है, बल्कि यह हमारे अंदर आत्मविश्वास और मानसिक शांति भी बढ़ाता है। देवी कूष्माण्डा को पीला रंग अत्यंत प्रिय है और इस दिन पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। पीला रंग सूर्य की तरह तेजस्वी और ऊर्जावान है, और इसे पहनने से व्यक्ति को आत्मबल, ज्ञान और आंतरिक शक्ति प्राप्त होती है।
Navratri day 4:देवी कूष्माण्डा की पूजा विधि

चौथे दिन की पूजा विधि में सबसे पहले देवी का ध्यान किया जाता है। पूजा स्थल को साफ और शुद्ध करके वहां देवी कूष्माण्डा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित की जाती है। पूजा में पीले रंग के फूल, कुमकुम, हल्दी, अक्षत, फल, और विशेष रूप से कद्दू का भोग अर्पित किया जाता है। इसके साथ ही, पीले वस्त्र पहनकर देवी की आराधना करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
पूजा के दौरान देवी के मंत्रों का जाप किया जाता है। इस दिन देवी कूष्माण्डा के इस मंत्र का जाप करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है:
“ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः”
इस मंत्र का 108 बार जाप करके भक्त अपनी भक्ति और श्रद्धा से देवी की आराधना करते हैं। यह मंत्र साधक के जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और दीर्घायु लेकर आता है।
Navratri day 4:देवी कूष्माण्डा की कृपा के लाभ

देवी कूष्माण्डा की पूजा से साधक को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। देवी की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। जो लोग मानसिक तनाव, शारीरिक कष्ट या आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे होते हैं, उन्हें देवी कूष्माण्डा की कृपा से शांति और समाधान मिलता है।
देवी का यह स्वरूप विशेष रूप से जीवन की कठिनाइयों को दूर करने और साधक को मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनाने में सहायक होता है। उनकी पूजा से साधक को आध्यात्मिक बल और ऊर्जा प्राप्त होती है, जिससे वह जीवन की चुनौतियों का सामना आत्मविश्वास के साथ कर पाता है।
नवरात्रि में पीला रंग पहनने के लाभ
पीला रंग मानवीय चेतना को जागृत करने वाला और प्रेरणा देने वाला रंग माना जाता है। इसे पहनने से व्यक्ति में आत्मविश्वास और मानसिक शांति का संचार होता है। नवरात्रि के चौथे दिन पीले वस्त्र धारण करने से देवी कूष्माण्डा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह रंग आध्यात्मिक विकास, मानसिक शांति और ऊर्जा का प्रतीक है।
साथ ही, यह रंग हमारी बुद्धि को जागृत करता है और हमें निर्णय लेने में सहायक होता है। यही कारण है कि नवरात्रि के चौथे दिन इस रंग को धारण करने से देवी का विशेष आशीर्वाद मिलता है और जीवन में समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
नवरात्रि का चौथा दिन देवी कूष्माण्डा की पूजा के लिए समर्पित है, जो ब्रह्मांड की सृष्टि करने वाली देवी हैं। इस दिन का रंग पीला होता है, जो ऊर्जा, खुशहाली और सकारात्मकता का प्रतीक है। देवी कूष्माण्डा की आराधना से भक्तों को शारीरिक और मानसिक शक्ति, सुख-समृद्धि और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। नवरात्रि के इस पावन अवसर पर पीले वस्त्र धारण कर देवी की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।