Navratri day 5 devi :रंग और देवी की महिमा
भारत विविधता से भरा एक देश है, जहां हर त्योहार का अपना एक विशेष महत्व होता है। नवरात्रि, जो मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना का पर्व है, पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। हर दिन का एक विशेष रंग और देवी का रूप होता है, जिनकी पूजा की जाती है। नवरात्रि के पांचवें दिन की देवी स्कंदमाता होती हैं, और इस दिन का रंग सफेद होता है। आइए, विस्तार से जानते हैं नवरात्रि के पांचवे दिन की महिमा, रंग और देवी स्कंदमाता के बारे में।
नवरात्रि के पांचवे दिन की देवी: स्कंदमाता
नवरात्रि के पांचवे दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप, की स्कंदमाता पूजा की जाती है। स्कंदमाता को भगवान कार्तिकेय (जिन्हें स्कंद भी कहा जाता है) की माता के रूप में पूजा जाता है। उनका यह नाम उनके पुत्र स्कंद से जुड़ा हुआ है। स्कंदमाता शांति और करुणा की प्रतीक मानी जाती हैं और भक्तों को उनके संकटों से मुक्ति दिलाती हैं।
स्कंदमाता की चार भुजाएँ होती हैं। उनके दो हाथों में कमल होते हैं, एक हाथ में भगवान स्कंद हैं, और चौथा हाथ अभय मुद्रा में होता है, जो शांति और सुरक्षा का प्रतीक है। उनकी सवारी सिंह होती है, जो उनके साहस और शक्ति को दर्शाता है। मां स्कंदमाता को श्वेत वस्त्र धारण करना अत्यधिक प्रिय है, और इसीलिए नवरात्रि के पांचवे दिन का रंग सफेद होता है।
पांचवे दिन का रंग: सफेद
सफेद रंग शांति, पवित्रता, और निष्ठा का प्रतीक है। नवरात्रि के पांचवे दिन भक्तगण सफेद वस्त्र धारण कर मां स्कंदमाता की पूजा करते हैं। इस रंग को धारण करने से मन में शांति और शुद्धता का संचार होता है। सफेद रंग जहां एक ओर आध्यात्मिकता का प्रतीक है, वहीं यह एकाग्रता और आत्मशुद्धि में भी सहायक होता है। यह रंग सभी विकारों से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है, जिससे मनुष्य का मन शांत और स्थिर हो जाता है।
नवरात्रि में हर रंग का विशेष महत्व होता है, और सफेद रंग इस दिन को शांति और ध्यान का समय बनाता है। इस दिन सफेद रंग के वस्त्र पहनकर देवी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
Navratri day 5:स्कंदमाता की पूजा विधि
पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा विशेष विधि से की जाती है। प्रातःकाल स्नान के बाद सफेद वस्त्र धारण करें और मां स्कंदमाता की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर पूजा आरंभ करें। पूजा में विधि का पालन किया जाता है:
1. कलश स्थापना: कलश में जल, सुपारी, फूल, और सिक्के रखकर उसकी स्थापना करें।
2. दीप जलाना: शुद्ध घी का दीप जलाकर मां की आरती करें।
3. फूल अर्पित करें: मां स्कंदमाता को सफेद फूल विशेष प्रिय होते हैं, इसलिए उन्हें सफेद कमल या अन्य सफेद फूल अर्पित करें।
4. भोग लगाना: मां को सफेद मिठाइयाँ जैसे कि खीर, मखाना, या सफेद पेड़े का भोग लगाएं।
5. मंत्र जप: “ॐ देवी स्कंदमातायै नमः” मंत्र का जाप करें।
6. आरती: अंत में मां की आरती करें और पूरे परिवार के साथ उनकी कृपा प्राप्त करें।
Navratri day 5: स्कंदमाता की महिमा और आशीर्वाद
मां स्कंदमाता को नवरात्रि के पांचवे दिन विशेष रूप से इसलिए पूजा जाता है क्योंकि वे भक्तों की सभी इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। उनके आशीर्वाद से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। जिन भक्तों का मन अशांत और परेशान होता है, वे मां स्कंदमाता की आराधना करके शांति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं।
स्कंदमाता की उपासना से भक्तों को न केवल आत्मिक शांति प्राप्त होती है, बल्कि उन्हें मानसिक और शारीरिक कष्टों से भी मुक्ति मिलती है। जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से उनकी पूजा करता है, उसके सभी रोग, भय, और अवसाद समाप्त हो जाते हैं। मां अपने भक्तों को संतान सुख भी प्रदान करती हैं, इसलिए उन्हें संतान सुख की देवी भी कहा जाता है।
मां स्कंदमाता की कृपा और आशीर्वाद
मां स्कंदमाता की पूजा करने से भक्तों को शांति, सुख, और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जो भक्त इस दिन सच्चे मन से मां की आराधना करते हैं, उनके जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। मां स्कंदमाता की कृपा से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, मां की उपासना करने से जीवन में संतान सुख, पारिवारिक खुशहाली, और मानसिक संतुलन प्राप्त होता है।
नवरात्रि का पांचवा दिन मां स्कंदमाता को समर्पित है, और इस दिन का रंग सफेद है जो शांति, पवित्रता और निष्ठा का प्रतीक है। मां स्कंदमाता की पूजा से भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है और जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस दिन सफेद रंग के वस्त्र पहनकर मां की पूजा करने से मनुष्य का मन शांत और स्थिर हो जाता है। मां स्कंदमाता की कृपा से भक्तोंका जीवन सुखमय और समृद्धिशाली बनता है।