Navratri day 6 colour: लाल रंग का महत्व और माँ कात्यायनी की महिमा
नवरात्रि, हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इस नौ दिवसीय पर्व में हर दिन देवी के एक अलग रूप की आराधना होती है, और प्रत्येक दिन एक विशेष रंग से जुड़ा होता है। नवरात्रि के छठे दिन का रंग लाल होता है, जो ऊर्जा, शक्ति और साहस का प्रतीक है। इस दिन देवी दुर्गा के छठे स्वरूप माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है।
माँ कात्यायनी का स्वरूप और इतिहास

माँ कात्यायनी का जन्म महर्षि कात्यायन के आश्रम में हुआ था, इसीलिए इन्हें “कात्यायनी” कहा जाता है। कहा जाता है कि देवताओं और संतों की प्रार्थना पर माँ दुर्गा ने महर्षि कात्यायन की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर उनके घर पुत्री रूप में जन्म लिया। माँ कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत दिव्य और शक्तिशाली है। उनका वाहन सिंह है और वे चार भुजाओं वाली हैं। उनके एक हाथ में तलवार, दूसरे में कमल का फूल, तीसरे में अभय मुद्रा और चौथे में वर मुद्रा है, जिससे वे अपने भक्तों को भय से मुक्ति और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
माँ कात्यायनी का योद्धा रूप हमें जीवन में हर प्रकार की नकारात्मकता और बुराई से लड़ने की प्रेरणा देता है। उनके आशीर्वाद से व्यक्ति अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
लाल रंग का महत्व

लाल रंग नवरात्रि के छठे दिन का प्रमुख रंग है। यह रंग माँ कात्यायनी की उग्रता, साहस और उनकी शक्ति का प्रतीक है। लाल रंग हमें जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए साहस और आत्मविश्वास प्रदान करता है। यह शक्ति और ऊर्जा का रंग है, जो हमें नकारात्मकता से लड़ने और हर परिस्थिति में विजय प्राप्त करने की प्रेरणा देता है।
लाल रंग देवी की उग्र और शक्तिशाली ऊर्जा को दर्शाता है। इसे धारण करने से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मनोबल बढ़ता है। इस दिन लाल वस्त्र पहनकर माँ कात्यायनी की आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। भक्तों का मानना है कि माँ इस दिन अपने भक्तों को न सिर्फ शक्ति प्रदान करती हैं, बल्कि उनके जीवन में शांति, सुख और समृद्धि का भी आशीर्वाद देती हैं।
माँ कात्यायनी की पूजा विधि

नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। विशेष रूप से इस दिन विवाहित और अविवाहित महिलाएं माँ की आराधना करती हैं। अविवाहित कन्याओं के लिए माँ कात्यायनी की पूजा विवाह के योग्य होने और उनके जीवन में सही जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि माँ कात्यायनी की कृपा से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
पूजा की विधि में माँ को लाल रंग के वस्त्र, लाल फूल और गुड़हल के फूल अर्पित किए जाते हैं। माँ को प्रसन्न करने के लिए लाल रंग की मिठाई, विशेष रूप से गुड़ का भोग लगाया जाता है। भक्त माँ का ध्यान करते हुए “ॐ कात्यायन्यै नमः” मंत्र का जाप करते हैं और उनसे अपने परिवार के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।
माँ कात्यायनी की पूजा विधि सरल है, लेकिन इसमें पूर्ण श्रद्धा और विश्वास का होना आवश्यक है। पूजा के समय भक्त अपने मन और घर को पवित्र रखते हैं। माँ के सामने दीपक जलाकर, उन्हें भोग अर्पित कर, आरती करके पूजा की जाती है।
ऐसे करें मां कात्यायनी की पूजा

मां कात्यायिनी की पूजा में लाल रंग का खास महत्व है। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायिनी की पूजा में लाल रंग का प्रयोग करना शुभ होता है।
मां कात्यायिनी की पूजा के दौरान सबसे पहले कलश देवता अर्थात् भगवान गणेश का विधिवत पूजन करें। साथ ही भगवान गणेश को फूल, अक्षत, रोली, चंदन अर्पित कर उन्हें दूध, दही, शर्करा, घृत व मधु से स्नान कराएं।
फिर कलश देवता का पूजन करने के बाद नवग्रह, दशदिक्पाल, नगर देवता, ग्राम देवता की पूजा भी करें। इन सबकी पूजा करने के बाद ही मां कात्यायनी का पूजन शुरू करें।
इसके लिए सबसे पहले अपने हाथ में एक फूल लेकर मां कात्यायनी का ध्यान करें।
इसके बाद मां कात्यायनी का पंचोपचार पूजन कर, उन्हें लाल फूल, अक्षत, कुमकुम और सिंदूर अर्पित करें।
इसके बाद मां कात्यायिनी को शहद, मिष्टान्न, नैवेद्य, फल, हलवा आदि व्यंजनों का भोग लगाएं।
पूजन के अंत में मां के समक्ष घी या कपूर जलाकर आरती करें।
अंत में मां के मंत्रों का उच्चारण कर जाप करें
माँ कात्यायनी की कृपा से होने वाले लाभ
1. शत्रुओं पर विजय: माँ कात्यायनी की कृपा से व्यक्ति को अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। जीवन में आने वाली हर प्रकार की बाधा और नकारात्मकता दूर होती है। देवी का आशीर्वाद व्यक्ति को शक्ति और साहस प्रदान करता है जिससे वह किसी भी संकट का सामना कर सकता है।
2. विवाह में आने वाली बाधाओं का निवारण: माँ कात्यायनी की पूजा विशेष रूप से उन कन्याओं के लिए की जाती है, जिनके विवाह में बाधाएं आ रही होती हैं। देवी की कृपा से विवाह में आने वाली अड़चनें समाप्त होती हैं और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
3. स्वास्थ्य और समृद्धि: माँ की आराधना से परिवार में स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। देवी की कृपा से व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है और वह मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रहता है।
4. धर्म और आध्यात्मिक उन्नति: माँ कात्यायनी की पूजा से भक्त के जीवन में आध्यात्मिक उन्नति होती है। देवी की कृपा से भक्त के जीवन में धर्म और आध्यात्मिकता का प्रवेश होता है, जिससे उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि का छठा दिन शक्ति और साहस का प्रतीक है। इस दिन माँ कात्यायनी की पूजा कर उनके आशीर्वाद से व्यक्ति अपने जीवन की सभी बाधाओं और कष्टों से मुक्ति पा सकता है। लाल रंग, जो इस दिन का प्रमुख रंग है, हमें यह याद दिलाता है कि जीवन में साहस और ऊर्जा का कितना महत्व है। माँ कात्यायनी की आराधना से हमें न केवल शक्ति मिलती है, बल्कि आत्मविश्वास और धैर्य भी प्राप्त होता है, जिससे हम जीवन की हर चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।