Navratri day 8 : गुलाबी रंग और मां महागौरी का महत्व
नवरात्रि का पर्व भारतीय संस्कृति और धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। यह नौ दिनों तक चलता है और हर दिन एक विशेष देवी की पूजा होती है। नवरात्रि के आठवें दिन का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है और इस दिन का रंग गुलाबी होता है। आइए जानते हैं कि इस दिन का रंग गुलाबी क्यों है, और मां महागौरी की महिमा क्या है।
Navratri day 8 colour:मां महागौरी का परिचय
Navratri day 8 colourनवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप, मां महागौरी की पूजा की जाती है। मां महागौरी का स्वरूप शांति, पवित्रता और करुणा का प्रतीक है। इनका वर्ण अत्यंत गोरा होता है, इसलिए इन्हें महागौरी कहा जाता है। महागौरी का स्वरूप स्त्रियों के रूप, सौंदर्य, और सद्गुणों का प्रतीक है। वे सफेद वस्त्र धारण करती हैं, उनके चार हाथ होते हैं और वे वृषभ (बैल) पर सवार होती हैं। उनके हाथों में त्रिशूल, डमरू और अभय मुद्रा होती है, जो उनकी शक्ति और भक्ति को दर्शाते हैं।
महागौरी की पूजा करने से मनुष्य के पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। उनके भक्तों का मानना है कि मां महागौरी अत्यंत दयालु हैं और उनकी भक्ति से जीवन की सभी बाधाओं का अंत होता है।
Navratri day 8: गुलाबी रंग का महत्व

नवरात्रि के आठवें दिन का रंग गुलाबी होता है, जो प्रेम, करुणा और आंतरिक शांति का प्रतीक है। गुलाबी रंग को शुभता और स्नेह का रंग माना जाता है, जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और प्रेम की भावना को बढ़ावा देता है। यह रंग मानसिक शांति और आंतरिक सुंदरता का भी प्रतीक है। नवरात्रि में हर दिन के रंग का अपना एक विशेष महत्व होता है और गुलाबी रंग मां महागौरी के शांत और सौम्य स्वरूप से जुड़ा हुआ है।
गुलाबी रंग स्त्रियों की कोमलता और उनके भीतर छिपी दिव्यता का प्रतीक है। यह रंग यह भी दर्शाता है कि भक्त अपने जीवन में प्रेम, करुणा और आनंद को स्थापित करें। यह दिन उन लोगों के लिए खास होता है जो अपनी आंतरिक शांति और संबंधों में सौहार्द्र स्थापित करना चाहते हैं। गुलाबी रंग पहनकर भक्त मां महागौरी की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
मां महागौरी की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, मां पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। इस तपस्या के कारण उनका शरीर काला हो गया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें गंगाजल से स्नान कराया, जिससे उनका रंग गोरा हो गया और वे महागौरी के नाम से प्रसिद्ध हुईं। उनके गोरे रंग के कारण ही उनका नाम ‘महागौरी’ पड़ा। उनके इस रूप में माता गौरी अत्यंत शांत, सुंदर और सौम्य दिखती हैं। वे अपने भक्तों के पापों को नष्ट करती हैं और उन्हें सुख, शांति, और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
मां महागौरी की पूजा विधि

अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं और मां की विधि-विधान से पूजा करते हैं। पूजा की शुरुआत स्नान करके, स्वच्छ वस्त्र धारण करके होती है। मां की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाया जाता है और पुष्प, अक्षत, रोली, चंदन आदि अर्पित किए जाते हैं। मां महागौरी को नारियल, हलवा, पूड़ी और चने का भोग लगाया जाता है।
भक्तजन मां से सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली की प्रार्थना करते हैं। कहा जाता है कि मां महागौरी की पूजा से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। उनकी कृपा से वैवाहिक जीवन में भी सुख और प्रेम की प्राप्ति होती है। मां महागौरी स्त्रियों की समस्याओं को हल करने में भी सहायक मानी जाती हैं, इसलिए स्त्रियों के लिए इस दिन की पूजा का विशेष महत्व होता है।
कन्या पूजन का महत्व
नवरात्रि के अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन नौ कन्याओं को देवी का रूप मानकर पूजा जाता है और उन्हें भोजन करवाया जाता है। कन्या पूजन में नौ कन्याओं को आमंत्रित किया जाता है और उनके पांव धोकर, उन्हें तिलक लगाकर, उनके लिए विशेष भोजन तैयार किया जाता है। कन्या पूजन करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों के जीवन से सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं।
कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर उनकी पूजा करना यह दर्शाता है कि स्त्रियों का सम्मान और उनकी महिमा को समझना आवश्यक है। यह पूजा भारतीय समाज में स्त्री की महत्ता और उसकी दिव्यता को मान्यता देने का प्रतीक है।
अष्टमी का आध्यात्मिक महत्व
नवरात्रि का आठवां दिन आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस दिन मां महागौरी की पूजा करने से व्यक्ति को आत्मशुद्धि की प्राप्ति होती है। उनके भक्तों का मानना है कि अष्टमी के दिन मां की उपासना करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह दिन न केवल व्यक्तिगत बल्कि पारिवारिक और सामाजिक शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है।
नवरात्रि का आठवां दिन मां महागौरी की पूजा का दिन है, जो शांति, सौम्यता और पवित्रता की देवी हैं। इस दिन का रंग गुलाबी होता है, जो प्रेम और करुणा का प्रतीक है। मां महागौरी की उपासना से व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि, शांति, और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के इस पवित्र दिन पर मां महागौरी की पूजा और कन्या पूजन करना हमारे जीवन को सकारात्मकता से भर देता है और सभी कष्टों का अंत करता है।