Navratri day 9 colour: बैंगनी रंग और मां सिद्धिदात्री की महिमा
नवरात्रि का पर्व शक्ति की उपासना का प्रतीक है। यह नौ दिन का पर्व मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना और साधना का अवसर होता है। नवरात्रि के हर दिन का विशेष महत्व होता है और हर दिन एक विशेष रंग से शुभ होता है। नवरात्रि के नवें दिन का रंग बैंगनीहोता है, जो शक्ति, राजसी वैभव और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है। इस दिन मां दुर्गा के नवें रूप, मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है, जो सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं।
Navratri day 9 :मां सिद्धिदात्री का स्वरूप और महत्व
Navratri day 9 colourमां सिद्धिदात्री नवरात्रि की अंतिम देवी हैं, जिन्हें नौवें दिन पूजा जाता है। उनका नाम दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘सिद्धि’ और ‘दात्री’, जिसका अर्थ है ‘सिद्धियों को देने वाली’। वह आठ प्रकार की सिद्धियों की दात्री हैं, जो इस प्रकार हैं: अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व। इन सिद्धियों को प्राप्त करके साधक संसार की सभी भौतिक और आध्यात्मिक शक्तियों पर नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं।
मां सिद्धिदात्री का स्वरूप अत्यंत दिव्य और शांतिमय होता है। वह चार भुजाओं वाली देवी हैं, जिनके एक हाथ में शंख, दूसरे में चक्र, तीसरे में गदा और चौथे हाथ में कमल का फूल होता है। वह कमल के आसन पर विराजमान होती हैं और उनकी सवारी सिंह होती है। उनका आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन में सिद्धि और सफलता मिलती है।
Navratri day 9 colour: बैंगनी रंग का महत्व
नवरात्रि के नवें दिन का रंग बैंगनी होता है, जिसे शक्ति और शांति का अद्भुत मिश्रण माना जाता है। बैंगनी रंग का संबंध आध्यात्मिकता और आत्मिक जागरूकता से होता है। यह रंग हमारे मस्तिष्क के उन ऊंचे स्तरों का प्रतिनिधित्व करता है, जहां व्यक्ति अपने आत्मज्ञान और आत्मिक उन्नति के चरम पर पहुंचता है। यह राजसी रंग मानसिक स्थिरता और ध्यान केंद्रित करने की शक्ति को बढ़ाता है।
जब भक्त बैंगनी रंग धारण करते हैं, तो वे स्वयं को उस आध्यात्मिक ऊंचाई की ओर प्रेरित करते हैं, जहां मन और आत्मा की एकता होती है। यह रंग ध्यान, साधना और आत्मचिंतन के लिए उत्तम माना जाता है। नवरात्रि के नवें दिन बैंगनी रंग पहनकर मां सिद्धिदात्री की आराधना करने से साधक को विशेष आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं।
Navratri day 9:मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि
मां सिद्धिदात्री की पूजा सरल और भक्तिभाव से पूर्ण होती है। नवें दिन भक्तजन विशेष रूप से ध्यान, ध्यानमग्नता और मंत्रों का जाप करते हैं। इस दिन की पूजा विधि इस प्रकार होती है:
1. स्नान और शुद्धिकरण: प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। ध्यान रखें कि आज के दिन बैंगनी रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
2. मां का ध्यान और मंत्र जाप: मां सिद्धिदात्री का ध्यान कर उनके मंत्र “ॐ सिद्धिदात्र्यै नमः” का जाप करें। इस मंत्र का जाप मन की शांति और आत्मिक उन्नति के लिए अति प्रभावशाली माना जाता है।
3. भोग और प्रसाद: मां सिद्धिदात्री को विशेष रूप से सफेद कमल का फूल और नारियल अर्पित करें। साथ ही, उन्हें हलवा, पूड़ी, चना और नारियल का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
4. कन्या पूजन: नवरात्रि के नवें दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। नौ कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराकर दक्षिणा दी जाती है। ऐसा करने से मां सिद्धिदात्री प्रसन्न होती हैं और साधक को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
5. आरती और प्रसाद वितरण: मां की पूजा के बाद आरती करें और आरती के बाद प्रसाद सभी भक्तों में वितरित करें।
मां सिद्धिदात्री की कृपा और लाभ
मां सिद्धिदात्री की कृपा से साधक को अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं। उनके आशीर्वाद से जीवन में सभी प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति होती है और मनुष्य को ज्ञान, शांति, धन और वैभव की प्राप्ति होती है। मां की पूजा से व्यक्ति के जीवन में आंतरिक शक्ति का विकास होता है और वह अपने सभी कार्यों में सफल होता हैl
मां सिद्धिदात्री की आराधना से साधक सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर आत्मज्ञान प्राप्त करता है। यह देवी संसार की मोह-माया से परे उठकर साधक को सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं। उनके आशीर्वाद से साधक जीवन में हर प्रकार की कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होता है।
नवरात्रि का नवां दिन मां सिद्धिदात्री की उपासना और साधना का दिन है। इस दिन बैंगनी रंग धारण कर मां का ध्यान और पूजन करने से साधक को विशेष सिद्धियों की प्राप्ति होती है। बैंगनी रंग आत्मिक उन्नति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है, जो साधक को उसकी आंतरिक शक्ति से परिचित कराता है। मां सिद्धिदात्री की आराधना से जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता का आगमन होता है। उनके आशीर्वाद से भक्तजन न केवल भौतिक सुखों की प्राप्ति करते हैं, बल्कि आत्मिक शांति और संतोष भी प्राप्त करते हैं।