Navratri day 7 नवरात्रि के सातवें दिन का महत्व: नीला रंग और देवी कालरात्रि की महिमा
नवरात्रि का पर्व नौ दिनों तक चलने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। प्रत्येक दिन का एक विशेष रंग और देवी का रूप होता है, जो उस दिन की आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति भावना को दर्शाता है। नवरात्रि के सातवें दिन, देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है, और इस दिन का रंग नीला होता है। इस लेख में, हम नवरात्रि के सातवें दिन के महत्व, नीले रंग के प्रतीकात्मक अर्थ, और देवी कालरात्रि की महिमा पर प्रकाश डालेंगे।
Navratri day 7 colour नीला रंग: शांति और शक्ति का प्रतीक
नवरात्रि के सातवें दिन का रंग नीला होता है। यह रंग गहराई, शांति और स्थिरता का प्रतीक है। नीला रंग आकाश और सागर का प्रतिनिधित्व करता है, जो अनंतता और अपार शक्ति को दर्शाता है। यह रंग मन और आत्मा को शांति प्रदान करता है और जीवन में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
नीला रंग न केवल आंतरिक शांति का प्रतीक है, बल्कि यह साहस और दृढ़ता को भी दर्शाता है। नवरात्रि के सातवें दिन जब भक्त नीला रंग पहनते हैं, तो वे देवी कालरात्रि की असीम शक्ति को अपने भीतर धारण करते हैं। यह रंग आत्मविश्वास और आत्मशक्ति को जाग्रत करता है, जिससे व्यक्ति जीवन की कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होता है।
देवी कालरात्रि का स्वरूप और उनकी महिमा
देवी कालरात्रि नवरात्रि के सातवें दिन की अधिष्ठात्री देवी हैं। उनका स्वरूप भयंकर और प्रभावशाली है, जो बुराई और अज्ञानता के नाश का प्रतीक है। देवी कालरात्रि का नाम “काल” और “रात्रि” से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है “अंधकार और समय का विनाश करने वाली”। वह अपने भक्तों को भय और नकारात्मकता से मुक्त करती हैं और जीवन में आने वाली विपत्तियों को समाप्त करती हैं।
देवी कालरात्रि की चार भुजाएँ होती हैं, जिनमें से एक हाथ में तलवार और दूसरे में लौटा होता है। एक हाथ से वे अभय मुद्रा में आशीर्वाद देती हैं और अन्य हाथ से वे बुरी शक्तियों का संहार करती हैं। उनकी सवारी गधा है और उनका रूप अत्यंत शक्तिशाली होता है। देवी के इस रौद्र रूप को देखकर भी भक्त निर्भीक रहते हैं, क्योंकि उन्हें विश्वास होता है कि देवी उनकी सभी बुराइयों और कष्टों का नाश करेंगी।
देवी कालरात्रि की पूजा का महत्व
नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। देवी की पूजा से भक्तों के सभी भय, नकारात्मक शक्तियाँ, और जीवन में आने वाली बाधाओं का नाश होता है। इस दिन की पूजा करने से व्यक्ति को साहस, शक्ति, और आत्मबल की प्राप्ति होती है। देवी कालरात्रि अपने भक्तों को यह सिखाती हैं कि चाहे जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएं, हमें डटकर उनका सामना करना चाहिए और कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।
देवी कालरात्रि की पूजा से भक्तों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव होता है। यह दिन उनके लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है जो अपने जीवन में बदलाव और नकारात्मकता से मुक्ति की कामना करते हैं। देवी की कृपा से भक्तों को उनके सभी भय और दु:खों से मुक्ति मिलती है, और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
मां कालरात्रि का बीज मंत्र
नवरात्रि के सातवे दिन मां कालरात्रि की उपासना के लिए बीज मंत्र का जाप करें। साथ ही ये मंत्र अपने परिजनों को भी बताएं ताकि वह भी इस मंत्र के जाप के साथ दिन की शुरुआत कर सकें।
क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।
Navratri day 7 colour:पूजा विधि और महत्व
सातवें दिन की पूजा में देवी कालरात्रि की विधिपूर्वक आराधना की जाती है। भक्त अपने घरों और मंदिरों में दीप प्रज्वलित करते हैं और देवी के सामने नीले वस्त्र पहनकर पूजा करते हैं। इस दिन गुड़ और नारियल का प्रसाद चढ़ाया जाता है, जो देवी को प्रिय होता है। देवी कालरात्रि की आराधना में दुर्गा सप्तशती का पाठ और देवी के 108 नामों का जप किया जाता है।
इस दिन की पूजा करने से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है। देवी की कृपा से व्यक्ति के सभी रोग, शोक और कष्ट दूर होते हैं। उनकी उपासना से भक्तों को ज्ञान, बल और आत्मविश्वास मिलता है, जिससे वे जीवन की कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं।
नवरात्रि के सातवें दिन का विशेष महत्त्व है, क्योंकि यह दिन देवी कालरात्रि की पूजा और उनके अद्वितीय रूप की आराधना का दिन होता है। नीला रंग इस दिन की विशेषता है, जो शांति, आत्मबल और दृढ़ता का प्रतीक है। देवी कालरात्रि का भयंकर रूप हमें यह सिखाता है कि जीवन में आने वाली विपत्तियों से घबराने की बजाय हमें उनका डटकर सामना करना चाहिए।
देवी कालरात्रि की पूजा से भक्तों को मानसिक और शारीरिक शक्ति की प्राप्ति होती है, और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। नवरात्रि का यह दिन हमें अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानने और जीवन की हर चुनौती का साहसपूर्वक सामना करने का अवसर प्रदान करता है।